mohini mantra - An Overview
यदि हम ईश्वर के साथ अन्तर्सम्पर्क में हों तो हमारी अनुभूति असीम होती है, जो उस दिव्य उपस्थिति के सागरीय प्रवाह में सर्वव्यापक हो जाती है। जब परमात्मा का ज्ञान हो जाता है, और जब हम स्वयं को आत्मा के रूप में जान लेते हैं, तो जल या थल, पृथ्वी या आकाश कुछ नहीं रहता- सब कुछ वे ही होते हैं। सब वस्तुओं का परमात्मा में विलय हो जाना एक ऐसी अवस्था है जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता। उस स्थिति में एक महान् आनन्द का अनुभव होता है- आनन्द, ज्ञान और प्रेम की शाश्वत परिपूर्णता।
अक्सर हम अपने भविष्य और जीवन को सुखमय बनाने के बारे में सोचते हैं. लेकिन अगले ही पल दुसरे विचार हमारे मन में आने लगते हैं. जैसे आखिर जीवन का मतलब क्या है?
इस प्रकार जीवन को चलने दीजिये, उसके बाद इस जन्म के बाद परमात्मा हमारा क्या करेंगे, वो परमात्मा पर छोड़ दीजिये. उन्हें सब पता है की क्या करना है क्या नहीं.
वाईएसएस के बारे में उद्देश्य और आदर्श
बहुत से लोगों को यह संदेह हो सकता है कि ईश्वर की प्राप्ति ही जीवन का उद्देश्य है; परन्तु प्रत्येक इस विचार को स्वीकार कर सकता है कि जीवन का उद्देश्य प्रसन्नता प्राप्त करना है। मैं कहता हूँ कि ईश्वर सुख हैं। वे परमानंद हैं। वे प्रेम हैं। वे वह आनन्द हैं, जो आपकी आत्मा से कदापि दूर नहीं जाएगा। तब आप क्यों नहीं उस आनंद को पाने का प्रयास करते?
भगवान् आपको जरूर आशीर्वाद देंगे और वो कभी खाली नहीं होगा.
तो क्या जीवन का ये खेल अनवरत चलता ही रहता है, एक जन्म के बाद दूसरा, फिर तीसरा, फिर चौथा?
योगी कथामृत एक आध्यात्मिक गौरवग्रन्थ की रचना
हमारे साधू संतों और ग्रंथों के मुताबिक केवल परमात्मा ही आपको इस जीवन – मरण के चक्कर से छुटकारा दिला सकते हैं. मतलब आपको पूरी तरह से मुक्ति दिला सकते हैं.
संन्यासियों का दौरा तथा क्रिया दीक्षा समारोह
There are more berths for the two greatest associations from the past time's rankings, which can result in a maximum of 7 teams from one particular Affiliation from the Champions League.[one zero five]
ईश्वर का प्रेम, परमात्मा का प्रेम, सम्पूर्ण रूप से ग्रसित करने वाला है। एक बार आप इसका अनुभव प्राप्त कर लें, तो यह आपको शाश्वत परिमंडलों की ओर ले जाता चला जाएगा। वह प्रेम आपके हृदय से कभी भी अलग नहीं किया जाएगा। यह वहाँ प्रचण्ड होगा और इसकी अग्नि में आप परमात्मा के महान् चुम्बक को पाएंगे जो दूसरे व्यक्तियों को आपकी ओर खींचता है और वे सब कुछ जिनकी आपको वास्तव में आवश्यकता या इच्छा है, आपकी ओर आकर्षित करता है।
मैं आपको सच्चाई से बताता हूँ कि मुझे सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं, मनुष्य के द्वारा नहीं, अपितु ईश्वर के द्वारा। वे हैं। वे हैं। यह उनकी चेतना है जो मेरे माध्यम से आपसे वार्त्तालाप करती है। यह उनका ही प्रेम है जिसके विषय में मैं बोलता हूँ। रोमांच पर रोमांच! click here मृदुल शीतल पवन की भाँति उनका प्रेम आत्मा में अनुभव होता है। दिन और रात, सप्ताह-प्रति-सप्ताह, वर्ष प्रति वर्ष, यह बढ़ता ही जाता है- आप नहीं जानते कि इसका अन्त कहाँ है। और आप में से प्रत्येक व्यक्ति इसी की खोज कर रहा है। आप सोचते हैं कि आपको मानवीय प्रेम और समृद्धि चाहिए, परन्तु इनके पीछे तो यह परमपिता ही हैं जो आपको पुकार रहे हैं। यदि आप अनुभव करें कि वे उनके सभी उपहारों से महान् हैं तो आप उन्हें प्राप्त कर लेंगे।
फिर हमने इंसान “दुनिया की सर्वश्रेष्ठ कृति” बनकर क्या किया? पूरा जीवन हमने काम, क्रोध , लोभ, नशा, इर्ष्या और अय्याशी के चक्कर में फंसकर गँवा दिया.